Wednesday 8 June 2016

आओ मिल नाचे साजन हम दोनों यहाँ

बिन तुम्हारे हमारा दिल बेकरार है
न जाने क्यूँ फिर भी तेरा इंतज़ार है
..
गुनगुना रहे गीत अब होंठों पे मेरे
गुनगुना रही शब् का हमें इंतज़ार है
..
खुश्बू तेरी महका रही हसीन लम्हे
इन लम्हों से हमें अब भी बहुत प्यार है
..
उतर के आया अब चाँद भी अंगना में
चारों ओर छाया खुमार ही खुमार है
..
आओ मिल नाचे साजन हम दोनों यहाँ 
थिरकती ज़िंदगी का हमें  इंतज़ार है
..
रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment