Sunday 22 May 2016

चाह तेरी इस कदर रुला गई

दिल हमारा अब बहलने से रहा 
चाँद  आँगन  में उतरने  से रहा 
चाह  तेरी  इस  कदर  रुला गई 
नीर   नैनों   से  बहने    से रहा 

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment