Friday 12 February 2016

चाहते अपनी रही यहाँ अधूरी

बहुत मिला जीवन में फिर भी कम  है
नही   हमे   इसका   भी   कोई  गम है
चाहते   अपनी     रही    यहाँ    अधूरी   
इन्हें   करें   पूरा   अपने   में   दम   है 

रेखा जोशी

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