Wednesday 6 January 2016

गुनगुनाते गीत अब होंठों पे मेरे


बिन तुम्हारे हमारा दिल बेकरार  है
न जाने क्योँ  हमें  तेरा  इंतज़ार है

गुनगुनाते  गीत अब  होंठों पे मेरे
अभी तक मुस्कुराती शब का खुमार है 

खुश्बू तेरी महका रही हसीन लम्हे 
इन्हीं  लम्हों से हमें बहुत मिला प्यार है 

उतर आया हसीं चाँद भी अंगना में
अंगना को  भी  रही महका बहार है

बेचैन निगाहें  तलाश रही है तुम्हें
प्यार की चलने लगी सजना बयार है 

रेखा जोशी 

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