Friday 23 October 2015

आशा की नव किरणे ले कर आई है शुभ प्रभात

है गूँज उठा अंबर पंछियों के चहचहाने  से
है खिल खिल उठा उपवन फूलों के खिलखिलाने से
आशा की नव किरणे ले कर आई है  शुभ प्रभात
जीवन में आई बहार आपके मुस्कुराने से

रेखा जोशी

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