Tuesday 18 August 2015

बहारों का मौसम

छाई बहार 
मदमस्त पवन 
गुंजित भौरा 
बगिया  गुलज़ार 
छलकता खुमार 
..................
खिलखिलाती 
धूप मेरे आंगन 
खुशियाँ लाई 
देखें मनभावन 
बाँवरे दो नयन 
……………… 
झूला झूलती 
अंगना मेरे आलि 
छाई है मस्ती 
बहारों का मौसम 
महकता है मन 

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment