Wednesday 17 June 2015

चमकता तारा सूरज हमारा [बाल कथा ]

पिंकी ने आज फिर राजू के हाथ में किताब देख ली ,बस मचल गई ,''भैया कहानी सुनाओ न ,क्या लिखा है इस किताब में ,बताओ न ''?अपने प्यारे भैया के हाथ से किताब ले कर नन्ही पिंकी उसमे बनी तस्वीरे देख कर बोली,''भैया यह जो गोल गोल है वह हमारी धरती है न,यह बीच में हमारा सूरज है न''|पिंकी की उत्सुकता देख राजू बोला ,''हाँ मेरी प्यारी बहना यह सूरज है और हमारी धरती सूरज के गिर्द सदियों से घूम रही है और घूमती ही रहे गी |चल पिंकी आज हम अन्तरिक्ष की सैर करने चलते है ,आज  रात आसमान बिलकुल साफ़ है  और बादल भी नही है ,देखो आकाश की तरफ ,कितने चमचमाते तारे है '|पिंकी ख़ुशी के मारे झूमने लगी ,''अहा आज तो मज़ा आ जायेगा ''| ''पिंकी उपर आकाश  में देखो जितने भी तारे है वह सब टिमटिमा रहे है और जो टिमटिमाते नही ,वह तारे नही बल्कि हमारी धरती की तरह वह भी ग्रह है जो सूरज के गिर्द घूम रहे है ,हमारा सूरज भी इतने बड़े अन्तरिक्ष में एक तारा है ,लेकिन बाकी तारों की अपेक्षा यह हमारी धरती के पास है ,इसलिए यह हमे बहुत बड़ा दिखाई देता है ,जो तारे हमे टिमटिमाते नजर आते है वह हमारे सूरज से भी बहुत बहुत बड़े हो सकते है |सभी तारे बहुत बड़े आग के गोले होते है और इनके अंदर ही ऊर्जा पैदा होती रहती है ,हमारा सूरज भी एक बहुत बड़ा आग का गोला है और हमे लगातार उर्जा देता रहता है ''|पिंकी बड़ी हैरानी से राजू की बाते सुन रही थी ,''हाँ भैया तभी हमे ठंड में सूरज से गर्मी मिलती है ''|''पिंकी बिलकुल  ठीक ,सूरज के कारण ही हमारी धरती पर जीवन है ,सभी जीवजन्तु ,पेड़ पौधे इस धरती पर सूरज की ऊर्जासे ही जीवन पाते है ''|''वाह क्या बात है भैया ,आसमान में इतने सारे चमकते तारे सब सूरज जैसे ही है,''पिंकी जोर जोर से ताली बजाते हुए नाचने लगी और गाने लगी ,''चमकता तारा ,सूरज हमारा'' |


रेखा जोशी 

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