Wednesday 11 March 2015

ज़िंदगी चार दिन

है बदलती
धूप और छाँव भी
रंगीं ज़िंदगी
………
ख़ुशी से रहो
ज़िंदगी चार दिन
जियो जीने दो
………
है साथ साथ
ज़िंदगी और मौत
प्रभु के हाथ
.
रेखा जोशी 

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