Thursday 27 November 2014

आओ चले प्रियतम क्षितिज के उस पार

हो कर
बादलों के रथ पे सवार
आओ चले
प्रियतम
क्षितिज के उस पार
ले रहा आगोश में
जहाँ
सूरज को सागर
कर रहे अभिवादन
जहाँ
पंछी गगन  में
खूबसूरत नज़ारे
जहाँ
करते इंतज़ार
आओ चले
प्रियतम
क्षितिज के उस पार

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment