Monday 17 November 2014

पग चूमती नव उषा किरण तुम्हारे

जो बीत गया उसे भूल जाओ तुम
छू लो आज ऊँचे आसमां को तुम
पग चूमती नव उषा किरण तुम्हारे
सुनहरे वह पंख आज ढूँढ़ लो तुम

रेखा जोशी 

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