Saturday 2 August 2014

साथ रहना तुम कभी मत छोड़ना रखना पकड़



जब  सिमटते है उजाले रात का दामन पकड़
फिर सुबह लाती नई खुशियाँ यहाँ दामन पकड़
………………
देख तेरे नैन हम उसमे समा कर रह गये
बाँध कर तुमने हमें क्यों अब  रखा दामन पकड़
………………
तुम हमे क्यों कर सताते हो सदा यूँ ही सनम
छोड़ कर गर चल दिये आना  वहाँ  दामन पकड़
………………
रात के साये हमें रह रह डराते है सनम
साथ रहना तुम कभी मत छोड़ना दामन पकड़
…………… …
रात फिर से  डूब जाये गी अँधेरे में सनम
साथ जीवन में अँधेरों का मिला दामन पकड़

रेखा जोशी

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