Wednesday 7 May 2014

तितली

है हरा भरा 
इनका संसार  
रंग चुराने फूलो का 
उड़ती है यह 
डाली डाली 
है खेल अजब 
प्रकृति का 
लाल पीले 
बैंजनी नीले 
सुन्दर रंगों से 
अपना  
रूप सजाती 
है मुग्ध देख 
सब 
इनकी कला 
फिर सुन्दर से 
रंग बिरंगे पंख लिए 
कैसे बगिया में 
इठलाती इतराती 
हूँ छोटी सी तितली 
तो क्या हुआ 
चित्रकार हूँ मै 
सबसे महान

रेखा जोशी 

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