Friday 6 September 2013

“नव परिवर्तनों के दौर में हिन्दी ब्लॉगिंग”

अंग्रेजी में स्नातक होने पर भी मनु ने हिंदी में लिखना शुरू कर दिया ,वह इसलिए कि हिंदी हमारी अपनी मातृ भाषा हैऔर  हम अपने विचारों को बहुत ही सुगमता से अभिव्यक्त कर सकते है ,यह विचार ही हैं जो समाज को प्रभावित कर उसे एक नई  दिशा दे सकते है । हिंदी भाषा ही एक ऐसी भाषा है जो भारतवासियों  को आपस  में जोड़ सकती है ।अपने  विचारों को मनु हिंदी में समसमायिक विषयों पर ब्लॉग लिख  कर इंटरनेट से  विभिन्न मंचों  पर पोस्ट करने लगा । जैसा कि हम सब जानते है, आजकल इंटरनेट का जमाना है ,जिसने पूरी दुनिया की दूरियों को नजदीकियों में बदल दिया है । दूर दराज़ बैठे हुए लोगों से क्षण भर में ही संपर्क स्थापित किया जा सकता है ,एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान भी किया जा सकता है ,यही कारण है कि मनु के ब्लॉग'स को केवल भारत में ही नही दुनिया के कई देशों में भी पढ़ा और सराहा जाने लगा है  ,उसकी पोस्ट पर कभी अमरीका से कमेंट्स आते है तो कभी रूस से यां जर्मनी से ,कनाडा ,अबूधाबी,पोलैंड ,स्वीडन सारे के सारे देश सिमट कर  मनु के ब्लाग्स की साईट पर आ गए | उनकी प्रतिक्रियाएं पढ़ कर मनु के चेहरे पर चमक आ जाती है ,हिंदी भाषा में लिखे गए ब्लॉगस को केवल भारत में नही पूरी दुनिया में पसंद किया जा रहा है| इंटरनेट ,फेस बुक,गूगल के इस नव  दौर में हिंदी, भारत के जनमानस की भाषा ,न केवल दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है  बल्कि  दिनोदिन इसका रूप निखर कर आ रहा है | हिंदी भाषा में लुप्त हो रहा छंद विधा नव परिवर्तनों के आज के इस दौर में फिर से उभर कर आ रही है ,हिंदी साहित्य में रूचि  रखने वाले न केवल इस विद्या के रस का आनंद उठा रहे है बल्कि इसे सीखने का भरसक प्रयास भी कर रहें है |आजकल मनु  जैसे हजारों ,लाखों ब्लागर्स  हिंदी में ब्लागिंग कर रहे है | कई ब्लागर्स  ब्लागिंग से अपनी हाबी के साथ साथ आर्थिक रूप से भी सम्पन्न भी हो रहे है | आज मनु को अपने फैसले पर गर्व है कि उसने बदलते हुए इस नयें दौर में अपने विचारों कि अभिव्यक्ति के लिए हिंदी ब्लागिंग को चुना | इसमें कोई दो राय नही है कि नव परिवर्तनों के इस  दौर में एवं आने वाले समय में हिंदी ब्लागिंग का भविष्य उज्जवल है | 

No comments:

Post a Comment