Saturday 15 December 2012

इक दूजे के लिए

महक , एक खूबसूरत लड़की न जाने कैसे गलत दोस्तों के संसर्ग में आ कर ड्रग्स के  सेवन में उलझ कर रह गई ,मस्ती के आलम में एक ही सिरींज से  उसने अपने साथियों के साथ बांटा ,इस बात से अनभिज्ञ कि वह एक ऐसी जानलेवा बीमारी  को निमंत्रण दे चुकी है जो लाइलाज है ,जी हाँ एड्स यानीकि'‘एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम'' जिसका अर्थ है ''मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर अनेक बीमारियों का उस पर प्रहार '' जो की  एच.आई.वी''. वायरस से होती है.और  यह वायरस ही मनुष्य की प्रतिरोधी क्षमता  पर असर कर उसे इतना कमज़ोर कर देता है,जिसके कारण  खांसी ज़ुकाम जैसी छोटी से छोटी बीमारी  भी रोगी की जान ले सकती है |यह जानलेवा बीमारी किसी भी इंसान में एच.आई. वी. ''ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंशी वाइरस ''के पाजी़टिव होने से होती है ,लेकिन महक इन सब बातों से दूर थी उसने तो सिर्फ अपने एक साथी से ड्रग्स का इंजेक्शन ले कर लगाया था ,इस  बात से बेखबर कि उसने किसी एच आई वी पासिटिव व्यक्ति  के रक्त से संक्रमित हुए इंजेक्शन का सेवन कर लिया था,जिसने उसे मौत के मुहं की तरफ धकेलदिया था ,क्योकि इस बीमारी का इलाज तो सिर्फ  और सिर्फ बचाव में ही है ,अगर कोई''एच आई वी'' से ग्रस्त व्यक्ति किसी भी महिला यां पुरुष  से असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाता है तोवह उसे तो इस बीमारी  से ग्रस्त करता ही है और अगर इस  बीमारी से पीड़ित किसी पुरुष से कोई महिला गर्भवती हो जाती है तो उसके पेट में  पल रहे बच्चे को भी यह जानलेवा बीमारी अपनी ग्रिफ्त में ले लेती है ,इसी कारण हमारे देश में इस रोग से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है , समलैंगिक सम्बन्ध ,रेड अलर्ट एरिया भी भारी संख्या में इस खतरनाक बीमारी को फैलाने में अच्छा खासा  योगदान दे रहें है ,आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक संबंधों की बढ़ती बाढ़ से यह बीमारी और भी तेजी से फैल रही है,और  पूरे विश्व के लिए यह एक अच्छी खासी सिरदर्द बन चुकी है,यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस बीमारी को बेहद गंभीरता से लिया है और हर वर्ष पहली दिसंबर को यह दिन ''विश्व एड्स दिवस''के रूप में मनाया जाता है ताकि दुनिया भर में लोगों को इस नामुराद बीमारी से अवगत करा कर इससे बचने के उपाय बताये जा सकें |इस खतरनाक ,लाइलाज बीमारी से अगर कोई ग्रस्त हो गया तो बस समझ लो वह मौत के मुहं में पहुंच चुका है उसके बचने का कोई भी उपाय नही है ,इस जानलेवा बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय केवल सावधानी और बस सावधानी ही है ,यह एक ऐसा सुरक्षा चक्र है जो इस भयानक बीमारी से हर किसी को दूर रख सकता है ,वह है पति पत्नी का इक दूजे के प्रति उनका समर्पण भाव ,हमारे हिन्दू धर्म में विवाह को सदा एक पवित्र रिश्ता माना जाता रहा है जिसमे पति के लिए पत्नी और पत्नी के लिए पति पूजनीय है ,कितना ही अच्छा हो अगर हम सब इस रिश्ते की गरिमा को समझ कर सदा अपने जीवन साथी के प्रति समर्पित रह कर एड्स जैसी घिनौनी बीमारी को सदा के लिए अपने से दूर रखें |इससे पहले कि महक जैसे अनेक भटके हुए युवा अपनी जवानी के नशे में जिंदगी के अनदेखे ,अनजाने रास्तों पर चल कर अपनी मौत को खुद ही आमंत्रित करें  हम सबका यह कर्तव्य बनता है कि हम उन्हें सही राह दिखाते हुए इस बीमारी से बचने के लिए पति पत्नी के आपसी प्रेम के सुरक्षा चक्र के बारे में जानकारी दे कर उनका मार्गदर्शन करे ओर उनको एक स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी की ओर अग्रसर करे |

No comments:

Post a Comment